जन्म कुंडली क्या है? जन्म कुंडली कैसे बनाएं? | Janam Kundli Kaise Banaye in Hindi

Janam Kundli Kaise Banaye in Hindi: जन्म कुंडली देखने के लिए आप ऑनलाइन ज्योतिष सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि जन्म कुंडली बनाने और देखने की वेबसाइट्स। इन वेबसाइट्स पर जाकर आपको अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान डालना होगा और फिर उन्हें एक ज्योतिषी कुंडली बनाने के लिए उस सेवा का उपयोग करना होगा। आपकी जन्म कुंडली बनाने के बाद, आप अपनी कुंडली में विविध ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों की स्थिति को देख सकते हैं जिससे आपको अपने जीवन, स्वास्थ्य, वैवाहिक जीवन और अन्य क्षेत्रों में समस्याओं और समाधानों का पता चल सकता है।

जन्म कुंडली क्या है? (Janam Kundli Kya Hai in Hindi)

जन्म कुंडली एक व्यक्ति के जन्म के समय का विवरण है, जिसमें उनके जन्म स्थान, समय, और तिथि की जानकारी होती है। यह एक प्राचीन ज्योतिषीय विधि है जिसका माना जाता है कि जन्म कुंडली में छिपी हुई ज्योतिषीय जानकारी हमारे भविष्य को प्रभावित करती है। जन्म कुंडली में नक्षत्र, राशि, ग्रहों की स्थिति, ग्रहों के अशुभ और शुभ प्रभाव, दशाएं और योग जैसी विभिन्न जानकारियां होती हैं।
जन्म कुंडली का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के जीवन में घटनाओं की भविष्यवाणी करना है। यह बताती है कि व्यक्ति की किस प्रकार की प्राकृतिक स्वाभाविकता है, उसके जीवन में कैसे घटनाएं हो सकती हैं, उसके धन संबंधी स्थिति कैसी होगी, उसके स्वास्थ्य का प्रकार क्या होगा और किस प्रकार के संघर्ष उसे कटने पड़ सकते हैं।
जन्म कुंडली का विश्लेषण विभिन्न प्रकार से किया जाता है, जैसे लग्न कुंडली, चंद्र कुंडली, नवांश कुंडली आदि। इनका आधार प्राचीन ज्योतिषीय ग्रंथों पर होता है जिसमें ग्रहों की स्थिति का विवरण और उनके प्रभाव की व्याख्या की गई होती है।

जन्म कुंडली में ज्योतिषीय दृष्टिकोण से व्यक्ति के जीवन, स्वास्थ्य, पारिवारिक संबंध, करियर, धन, सामाजिक स्थिति, भाग्य आदि के बारे में जानकारी होती है।

जन्म कुंडली में निम्नलिखित तत्व शामिल होते हैं।

  1. राशि: जन्म कुंडली में बारह राशियाँ होती हैं, जिन्हें भाव के अनुसार व्यक्ति की विभिन्न पहलुओं को प्रकट करने के लिए प्रदर्शित किया जाता है।
  2. भाव: जन्म कुंडली में बारह भाव होते हैं, जो विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हैं, जैसे करियर, संबंध, धन, स्वास्थ्य आदि।
  3. ग्रह: नौ ग्रह और राहू-केतु जन्म कुंडली में प्रमुख ग्रह होते हैं, जिनका स्थान और संयोग व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालता है।
  4. दशा: जन्म कुंडली में व्यक्ति की विभिन्न ग्रहों की दशाओं का विवरण भी होता है, जो उसके जीवन में महत्वपूर्ण कारणों की सूची प्रदान करता है।
  5. योग: जन्म कुंडली में विभिन्न योगों का विवरण होता है, जो विभिन्न पहलुओं में सफलता और परिणामों की ओर संकेत करते हैं।

जन्म कुंडली का अध्ययन ज्योतिषीय परंपरा में महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसके अनुसार व्यक्ति का जीवन कार्यक्षेत्र, सम्बंध, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति आदि का विश्लेषण किया जाता है। यह ज्योतिषीय विज्ञान मानता है कि ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन पर निर्णायक होता है और जन्म कुंडली के माध्यम से हम इस प्रभाव को समझ सकते हैं।

जन्म कुंडली का अध्ययन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किया जाता है और यहाँ तक कि आधुनिक विज्ञान भी इसे महत्वपूर्ण मानता है। यह कहा जाता है कि ग्रहों का चालन और उनकी स्थिति हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव डालती है, जिसके आधार पर जन्म कुंडली में दी गई जानकारी से हम अपने भविष्य की योजना बना सकते हैं।

जन्म कुंडली कैसे बनायें? (Janam Kundli Kaise Banaye in Hindi)

जन्म कुंडली एक व्यक्ति के जन्म के समय का विवरण है जिसमें ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव का विवरण होता है। यह एक व्यक्ति के भविष्य में क्या होने वाला है या कैसा होगा, उसके विषय में जानकारी प्रदान करता है। जन्म कुंडली को बनाने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें।

  1. जन्म की तारीख, समय, और स्थान का पता करें: सबसे पहला कदम यह है कि आपको अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान का पता होना चाहिए। यह जानकारी आपके जन्म प्रमाण पत्र पर उपलब्ध होती है।
  2. कुंडली बनाने के लिए सहायक उपकरण चुनें: आप कई ऑनलाइन और ऑफ़लाइन उपकरणों का उपयोग करके अपनी जन्म कुंडली बना सकते हैं। ऑनलाइन उपकरणों में कुंडली बनाने के लिए कई वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स उपलब्ध हैं।
  3. कुंडली में निम्नलिखित चीजों का अध्ययन करें:
    • लग्न और चंद्र राशि: जन्म कुंडली में लग्न और चंद्र राशि की स्थिति का महत्वपूर्ण रोल होता है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
    • ग्रहों की स्थिति: कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर व्यक्ति के जीवन में उनका प्रभाव और उसके लिए उपाय जान सकते हैं।
  4. कुंडली में योग और दोषों का अध्ययन करें: कुंडली में योग और दोषों का अध्ययन करने से आपको अपने जीवन में सफलता और सुख के लिए उपाय मिल सकते हैं।
  5. कुंडली का विश्लेषण करें: एक बार जब आपकी जन्म कुंडली बन गई है, तो आपको उसे एक ज्योतिषशास्त्री या एक विशेषज्ञ को दिखाकर उसका विश्लेषण करवाना चाहिए। इससे आपको अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान और सुझाव मिल सकते हैं।

जन्म कुंडली बनाना और विश्लेषण कराना एक व्यक्ति के जीवन में उसके भविष्य को समझने में मदद कर सकता है। इसे समझने के लिए आपको इस पर विश्वास करना चाहिए और इसे एक मार्गदर्शन मात्र मानना चाहिए।

फ्री में जन्म कुंडली कैसे बनायें? (Janam Kundli Free Main Kaise Banaye in Hindi)

यहां कुछ सबसे लोकप्रिय ज्योतिष वेबसाइटें हैं जो हिंदी में निःशुल्क जन्म कुंडली सेवा प्रदान करती हैं।

  • एस्ट्रोटॉक (https://astrotalk.com) – यह वेबसाइट आपके ग्रहों की स्थिति के संक्षिप्त विश्लेषण के साथ एक निःशुल्क जन्म कुंडली प्रदान करती है। अधिक विस्तृत विश्लेषण के लिए आप किसी ज्योतिषी से निःशुल्क परामर्श भी प्राप्त कर सकते हैं।
  • गणेशस्पीक्स (https://www.ganeshaspeaks.com) – यह वेबसाइट आपके दोषों और नक्षत्रों के अधिक विस्तृत विश्लेषण के साथ एक निःशुल्क जन्म कुंडली प्रदान करती है। आप व्याख्याओं के साथ एक निःशुल्क जन्म कुंडली भी प्राप्त कर सकते हैं।
  • MyPandit (https://www.mypandit.com) – यह वेबसाइट आपके जीवन के बुनियादी अवलोकन के साथ एक निःशुल्क जन्म कुंडली प्रदान करती है। आप निःशुल्क दैनिक, साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक राशिफल भी प्राप्त कर सकते हैं।
  • एस्ट्रोसेज (https://www.astrosage.com) – यह वेबसाइट आपके ग्रहों की स्थिति और आपके जीवन पर उनके प्रभाव के विस्तृत विश्लेषण के साथ एक निःशुल्क जन्म कुंडली प्रदान करती है। आप मुफ़्त अनुकूलता रिपोर्ट और अंकज्योतिष रीडिंग भी प्राप्त कर सकते हैं।
  • प्रश्न कुंडली (https://prasnakundali.com) – यह वेबसाइट उपचारात्मक ज्योतिष पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक निःशुल्क जन्म कुंडली प्रदान करती है। आप ज्योतिषियों से निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं जो आपके जीवन में चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए रत्न और अन्य उपाय सुझा सकते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ज्योतिष कोई सटीक विज्ञान नहीं है, और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इन वेबसाइटों द्वारा की गई भविष्यवाणियाँ सटीक होंगी। हालाँकि, वे अपने बारे में और ब्रह्मांड में अपने स्थान के बारे में अधिक जानने का एक मज़ेदार तरीका हो सकते हैं।

ज्योतिष में ग्रहों, राशियों और भावों को जानना

ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है जो ब्रह्मांड में चल रहे ग्रहों, तारों और अन्य खगोलीय तत्वों के आधार पर मानव जीवन का अध्ययन करता है। इसमें ग्रहों, राशियों और भावों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिनका मानव जीवन पर प्रभाव माना जाता है। जन्मकुंडली एक चार्ट होती है जिसमें व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों, राशियों और भावों का स्थिति का विवरण होता है।
जन्मकुंडली में ग्रहों का महत्वपूर्ण स्थान है। सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू और केतु इन्हीं नौ ग्रहों को जन्मकुंडली में देखा जाता है। इन ग्रहों की स्थिति और दशाओं के आधार पर ज्योतिषी व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी देते हैं।

राशियां भी जन्मकुंडली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ज्योतिष में 12 राशियां होती हैं, जो व्यक्ति के जन्म के समय सूर्य की स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। राशियों के आधार पर ज्योतिषी व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, वित्तीय स्थिति, परिवार, करियर और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी देते हैं।

जन्मकुंडली में भावों का भी महत्वपूर्ण स्थान है। भाव ग्रहों के प्रभाव को दर्शाते हैं और व्यक्ति के विभिन्न पहलुओं में कैसे प्रभाव डालते हैं। जैसे कि पहला भाव व्यक्ति की पहचान और व्यक्तित्व को दर्शाता है, दूसरा भाव धन संबंधी मुद्दों को दर्शाता है, तीसरा भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है, चौथा भाव सुख-संतोष को दर्शाता है, और ऐसे ही अन्य भाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।

जन्मकुंडली में ग्रहों, राशियों और भावों का अध्ययन करके ज्योतिषी व्यक्ति के जीवन में किस प्रकार के परिवर्तन आने वाले हैं, उनकी समस्याओं का समाधान कैसे हो सकता है, और उनके भविष्य के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, यदि ग्रहों की स्थिति अनुकूल है, तो व्यक्ति को सफलता और खुशियां मिलती हैं, लेकिन यदि ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं है, तो व्यक्ति को संघर्ष और मुश्किलें आ सकती हैं।

इस प्रकार, ज्योतिष में ग्रहों, राशियों और भावों का अध्ययन करने से व्यक्ति अपने जीवन में उत्तम निर्णय ले सकता है और भविष्य में आने वाली समस्याओं का समाधान कर सकता है।

निष्कर्ष

जन्म कुंडली एक व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति का विस्तृत विवरण प्रदान करती है और उनके भविष्य को प्रेरित करती है। जन्म कुंडली के माध्यम से हम अपने स्वभाव, क्षमताएं, रोग, विवाह, विद्या, धन, परिवार, संतान, भाग्य आदि के बारे में जान सकते हैं। इसके साथ ही, जन्म कुंडली एक व्यक्ति के भविष्य में आने वाली कठिनाइयों को पहचानने में भी मदद करती है ताकि उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए उपाय कर सकें। इसलिए, जन्म कुंडली एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है जो हमें अपने जीवन को संतुलित, सफल और समृद्ध बनाने की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

FAQ’s

Ques: कुंडली क्या है?

Ans: जन्म कुंडली एक ज्योतिषीय चार्ट है जो किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय की जानकारी का विवरण देता है। इसमें संकेत, नक्षत्र और भावों की स्थिति का विवरण होता है।

Ques: कुंडली का क्या महत्व है?

Ans: कुंडली के माध्यम से व्यक्ति के जीवन, स्वास्थ्य, जीवन शैली, आर्थिक स्थिति, भविष्य और इसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

Ques: कुंडली कैसे बनी है?

कुंडली बनाने के लिए व्यक्ति की जन्म तिथि, समय और स्थान की जानकारी आवश्यक है। यह जानकारी एक ज्योतिषाचार्य या ऑनलाइन कुंडली बनाने वाली वेबसाइट पर दी जा सकती है।

Ques: कुंडली में क्या-क्या देखा जाता है?

कुंडली में नक्षत्र, नक्षत्र और भावों की स्थिति का आकलन किया जाता है जिससे व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इसमें जन्म राशि, लग्न, दशाओं, योगों और दोषों का भी विवरण है।

Ques: कुंडली में क्या दोष होना चाहिए?

यदि किसी कुंडली में दोष है तो उसका उपाय किया जा सकता है। यह उपाय ज्योतिषाचार्य द्वारा सुझाया जा सकता है।

Ques: कुंडली मिलान क्यों जरूरी है?

कुंडली मिलान से दो लोगों के गुण और दोषों का विश्लेषण किया जाता है ताकि वे अच्छे संबंध बन जाएं। यह विवाह के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

Ques: क्या जन्म कुंडली में केवल ग्रहों का ही महत्व है?
जन्म कुंडली में ग्रहों के साथ-साथ नक्षत्रों, भावों और योगों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।

Ques: क्या कुंडली में संतान सुख की भविष्यवाणी होती है?
जी हां, जन्म कुंडली में संतान सुख की भविष्यवाणी की जा सकती है।

Ques: क्या जन्म कुंडली का विवाह में महत्व है?
हां, जन्म कुंडली विवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिसमें विवाह की संभावनाएं, दोष, और उपाय शामिल होते हैं।

Ques: क्या जन्म कुंडली में दोष होने पर क्या किया जा सकता है?
जन्म कुंडली में दोष होने पर उपाय किए जा सकते हैं, जैसे पूजा, दान, मंत्र, और रत्न धारण करना।

Ques: क्या जन्म कुंडली के बिना भविष्यवाणी की जा सकती है?
जी हां, जन्म कुंडली के बिना भी भविष्यवाणी की जा सकती है, लेकिन कुंडली भविष्यवाणी में अधिक सटीकता होती है।

Ques: क्या कुंडली में विवाह के बाद का जीवन साथी का स्वभाव भी दिखाया जा सकता है?
हां, कुंडली में विवाह के बाद का जीवन साथी का स्वभाव भी दिखाया जा सकता है।

Ques: क्या जन्म कुंडली में केवल ज्योतिषियों के लिए ज्ञान होता है?
जन्म कुंडली में ज्ञान केवल ज्योतिषियों के लिए ही नहीं होता, व्यक्ति भी अपनी कुंडली से अपने भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।

Ques: क्या कुंडली में शनि साढ़े साती की भविष्यवाणी होती है?
जी हां, कुंडली में शनि साढ़े साती की भविष्यवाणी होती है और इसके उपाय भी बताए जाते हैं।

Ques: क्या कुंडली में ग्रहों के दोषों का समाधान हो सकता है?
हां, कुंडली में ग्रहों के दोषों का समाधान हो सकता है जैसे की पूजा, मंत्र और उपाय करके।

Ques: क्या कुंडली में संतान सुख के लिए कोई उपाय हो सकता है?
हां, कुंडली में संतान सुख के लिए उपाय किए जा सकते हैं जैसे की दान, व्रत, पूजा, आदि।

आज के इस लेख में हमने आपको जन्म कुंडली क्या है? जन्मकुंडली कैसे बनाएं (Janam Kundli Kaise Banaye in Hindi) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। उम्मीद है आपको यह पोस्ट जन्म कुंडली क्या है? जन्मकुंडली कैसे बनाएं (Janam Kundli Kaise Banaye in Hindi) पसंद आई हो, यदि आपके पास जन्म कुंडली क्या है? जन्मकुंडली कैसे बनाएं से सम्बंधित कोई अन्य जानकारी हो या हमारे लेख मे कोई त्रुटी हो, तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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