आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) एक ऐसी विज्ञान है जो कंप्यूटर या मशीनों को मानव बुद्धि की तरह काम करने की क्षमता प्रदान करने का अध्ययन करती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि कंप्यूटर सिस्टम स्वतंत्र रूप से सोच सके, समझ सके, सीख सके और समस्याओं का समाधान कर सके। आजकल, एक्सपर्ट सिस्टम, स्वरूपांतरण, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क्स, और ऑटोमेशन जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है जो AI में शामिल हैं।
Artificial Intelligence क्या है? (What is Artificial Intelligence in Hindi)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) वह शाखा है जो कंप्यूटर तकनीकी और सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके मानव बुद्धिमत्ता को नकल करने की कोशिश करती है। इसका उद्देश्य कंप्यूटरों को ऐसे कार्य करने की क्षमता प्रदान करना है जो मानव बुद्धिमत्ता के लिए साध्य हैं, जैसे कि विचारशीलता, समझ, सीखना, समस्याओं का समाधान करना, और रचनात्मकता।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई क्षेत्र हैं, जैसे कि मशीन लर्निंग, जिसमें कंप्यूटर स्वयं सीखते हैं और सुधार करते हैं; न्यूरल नेटवर्क, जो मानव ब्रेन के ढांचे को मिमिक करने का प्रयास करता है; और गहरा श्रंखला संगणन, जिसमें कंप्यूटर स्वयं से सोच सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेष रूप से डेटा विज्ञान, रोबोटिक्स, और बायोमेट्रिक्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके संबंध में कई चुनौतियां हैं, जैसे कि नैतिकता, गोपनीयता, और पारदर्शिता।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) को आमतौर पर यहाँ किसी ऐसे कंप्यूटर या मशीन के बारे में कहा जाता है जो मानव जैसा सोचने, समझने, सीखने और काम करने की क्षमता रखता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि ये मशीनें ऐसे काम कर सकें जो कि मानव समझ, विश्लेषण और निर्धारण की स्तर पर किया जा सकता है, लेकिन इसे लागू करने में जिस तरह की क्षमता और विशेषज्ञता मानव को चाहिए होती है वो इन मशीनों में सामाहित की जाती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उद्भव और विकास मानव की योगदान के बिना संभव नहीं था। इसे “कंप्यूटर विज्ञान” का एक उप-क्षेत्र माना जाता है, जिसमें मशीनों को ऐसे गुण और योग्यताओं का विकास किया जाता है जो मानव सोचने और निर्धारण करने की क्षमता को नकल कर सकें।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक (Father of Artificial Intelligence in Hindi)
कम्प्यूटर विज्ञान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में, आलन ट्यूरिंग को आमतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पितामाह के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 20वीं सदी के प्रारंभिक दशकों में मशीनों की बुद्धिमत्ता और विचारशीलता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ट्यूरिंग ने ‘ट्यूरिंग मशीन’ की सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसने कंप्यूटर साइंस के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके काम का सम्मान आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान और AI के विकास में अभिवृद्धि का आधार बनाता है।