भारत का केंद्रीय बैंक रिज़र्व बैंक (RBI) को कहा जाता है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) पूरे भारत में बैंकिंग सेक्टर की देख रेख करता है। मुद्रा का सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक की होती है। इस समय RBI के वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास हैं। उन्होंने 12 दिसंबर 2018 को यह पदभार ग्रहण किया था। दोस्तों आज हम इस लेख में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के बारे में, RBI क्या काम करता है?, अभी तक RBI के Governor की लिस्ट (List of Governor of RBI), और साथ ही RBI में जॉब कैसे ले सकते हैं। इन टॉपिक पर बात बताने वाले हैं। इसके लिये आपको पूरा लेख पढ़ना होगा। तो आइये शुरु करते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का इतिहास (RBI History in Hindi)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत की केंद्रीय बैंक है, जिसकी स्थापना 01 अप्रैल 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत की गई थी। इसका मुख्यालय शुरुआत में कोलकाता में था, लेकिन 1937 में इसे मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया। RBI भारत की मुद्रा और क्रेडिट प्रणाली को नियंत्रित करता है और देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्थापना की पृष्ठभूमि
RBI की स्थापना का विचार 1926 में हिल्टन यंग कमीशन द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत में आर्थिक स्थिरता और वित्तीय प्रबंधन को सुचारु रूप से संचालित करना था। इससे पहले, भारत की मौद्रिक प्रणाली ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थी और विभिन्न प्रांतों में विभिन्न बैंक अपने नियमों के अनुसार कार्य करते थे, जिससे मौद्रिक नीतियों में असंगति पैदा हो रही थी।
प्रारंभिक कार्य
जब RBI की स्थापना हुई, तो इसका मुख्य कार्य देश में मुद्रा जारी करना और मौद्रिक स्थिरता बनाए रखना था। बैंक का एक और महत्वपूर्ण कार्य वाणिज्यिक बैंकों की निगरानी और नियंत्रण करना था ताकि वे उचित तरीके से काम कर सकें और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही, RBI ने विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी भी संभाली।
राष्ट्रीयकरण (1949)
भारत की स्वतंत्रता के बाद, 01 जनवरी 1949 को RBI का राष्ट्रीयकरण किया गया। इससे पहले RBI एक निजी स्वामित्व वाली संस्था थी, लेकिन राष्ट्रीयकरण के बाद इसे सरकारी स्वामित्व वाली केंद्रीय बैंक के रूप में स्थापित किया गया। इसके बाद से RBI ने भारत की मौद्रिक नीतियों को निर्देशित करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाई है।
कार्य और जिम्मेदारियां
RBI के मुख्य कार्यों में मुद्रा जारी करना, सरकारी बैंक के रूप में कार्य करना, विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करना, बैंकों का नियमन और पर्यवेक्षण करना, मौद्रिक नीति का संचालन करना और भारत के वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसके साथ ही, RBI का कार्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और डिजिटल भुगतान प्रणालियों के विकास में योगदान देना भी है।
हालिया घटनाक्रम
पिछले कुछ दशकों में, RBI ने भारत की वित्तीय प्रणाली में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद, बैंकिंग क्षेत्र में कई नीतिगत बदलाव किए गए, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार के साथ जुड़ने का अवसर मिला। इसके अलावा, डिजिटल बैंकिंग और भुगतान प्रणाली में सुधार के लिए RBI ने कई नई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) और भारत बिल पेमेंट सिस्टम।
RBI का इतिहास न केवल भारत की आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में बल्कि वित्तीय नवाचार और विकास को गति देने में भी महत्वपूर्ण रहा है।
RBI का फुल फॉर्म (Full form of RBI in Hindi)
RBI का फुल फॉर्म “भारतीय रिज़र्व बैंक” (Reserve Bank of India) है।
रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नरों की सूची (List of RBI Governors of RBI in Hindi)
हम ने आपको शुरु से और 2024 तक के सभी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नरों की सूची हिंदी में दी गई है।
1. सर ओसबोर्न स्मिथ (Osborne Smith)
कार्यकाल: 1 अप्रैल 1935 – 30 जून 1937
2. सर जेम्स ब्रैड टेलर (James Braid Taylor)
कार्यकाल: 1 जुलाई 1937 – 17 फरवरी 1943
3. सी डी देशमुख (C. D. Deshmukh)
कार्यकाल: 11 अगस्त 1943 – 30 जून 1949
4. बेनगलाराम्ना गोपालाचारी (B.R. Gopalachari)
कार्यकाल: 1 जुलाई 1949 – 14 जनवरी 1957
5. के. जी. अंबेगाँकर (K. G. Ambegaonkar)
कार्यकाल: 14 जनवरी 1957 – 28 फरवरी 1957
6. एच. वी. आर. आयंगर (H. V. R. Iyengar)
कार्यकाल: 1 मार्च 1957 – 28 फरवरी 1962
7. पी. सी. भट्टाचार्य (P. C. Bhattacharya)
कार्यकाल: 1 मार्च 1962 – 30 जून 1967
8. एल. के. झा (L. K. Jha)
कार्यकाल: 1 जुलाई 1967 – 3 मई 1970
9. बी. एन. अधारकर (B. N. Adarkar)
कार्यकाल: 4 मई 1970 – 15 जून 1970 (अंतरिम)
10. स. जगन्नाथन (S. Jagannathan)
कार्यकाल: 16 जून 1970 – 19 मई 1975
11. एन. सी. सेनगुप्ता (N. C. Sen Gupta)
कार्यकाल: 19 मई 1975 – 19 अगस्त 1975 (अंतरिम)
12. के. आर. पुरोहित (K. R. Puri)
कार्यकाल: 20 अगस्त 1975 – 2 मई 1977
13. एम. नरसिंहम (M. Narasimham)
कार्यकाल: 2 मई 1977 – 30 नवंबर 1977 (अंतरिम)
14. आई. जी. पटेल (I. G. Patel)
कार्यकाल: 1 दिसंबर 1977 – 15 सितंबर 1982
15. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh)
कार्यकाल: 16 सितंबर 1982 – 14 जनवरी 1985
16. अमलदास गुप्ते (Amitav Ghosh)
कार्यकाल: 15 जनवरी 1985 – 4 फरवरी 1985 (अंतरिम)
17. आर. एन. मल्होत्रा (R. N. Malhotra)
कार्यकाल: 4 फरवरी 1985 – 22 दिसंबर 1990
18. एस. वेंकटरामन (S. Venkita-Ramanan)
कार्यकाल: 22 दिसंबर 1990 – 21 दिसंबर 1992
19. सी. रंगराजन (C. Rangarajan)
कार्यकाल: 22 दिसंबर 1992 – 22 नवंबर 1997
20. बिमल जालान (Bimal Jalan)
कार्यकाल: 22 नवंबर 1997 – 6 सितंबर 2003
21. वाई. वी. रेड्डी (Y. V. Reddy)
कार्यकाल: 6 सितंबर 2003 – 5 सितंबर 2008
22. डी. सुब्बाराव (D. Subbarao)
कार्यकाल: 5 सितंबर 2008 – 4 सितंबर 2013
23. रघुराम राजन (Raghuram Rajan)
कार्यकाल: 4 सितंबर 2013 – 4 सितंबर 2016
24. उर्जित पटेल (Urjit Patel)
कार्यकाल: 4 सितंबर 2016 – 10 दिसंबर 2018
25. शक्तिकांत दास (Shakti Kanta Das)
कार्यकाल: 12 दिसंबर 2018 – वर्तमान (2024 अभी तक)
शक्तिकांत दास वर्तमान में RBI के गवर्नर हैं, और उनका कार्यकाल अभी तक जारी है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के मुख्य कार्य (Role of RBI in Hindi)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का मुख्य कार्य भारत की मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना है। यहां RBI की भूमिका से जुड़े 15 महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं।
1. मौद्रिक नीति का निर्धारण: RBI देश की मौद्रिक नीति का निर्माण और उसका क्रियान्वयन करता है ताकि मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जा सके और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
2. भारतीय मुद्रा का निर्गमन: RBI भारत की करेंसी (रुपया) का निर्गमन करता है और नकद मुद्रा का प्रबंधन करता है।
3. वित्तीय स्थिरता का संरक्षण: RBI वित्तीय संस्थानों जैसे बैंकों और नॉन-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों की स्थिरता सुनिश्चित करता है।
4. विदेशी मुद्रा का नियंत्रण: RBI विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करता है और विदेशी विनिमय दर की निगरानी करता है।
5. बैंकों का नियमन और निरीक्षण: RBI सभी व्यावसायिक बैंकों को नियंत्रित करता है, उनकी गतिविधियों की निगरानी करता है, और उन्हें नियामक दिशानिर्देश प्रदान करता है।
6. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: RBI देश में मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित कर मुद्रास्फीति की दर को नियंत्रण में रखता है।
7. कर्ज और ब्याज दरों का नियंत्रण: RBI रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट के माध्यम से बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों को नियंत्रित करता है।
8. वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना: RBI नागरिकों में वित्तीय साक्षरता और जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाता है।
9. सरकारी बैंकर और सलाहकार: RBI केंद्र और राज्य सरकारों का बैंकर और वित्तीय सलाहकार होता है।
10. धोखाधड़ी और साइबर सुरक्षा: RBI बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में धोखाधड़ी को रोकने और साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नीतियां लागू करता है।
11. वित्तीय समावेशन: RBI ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाता है।
12. ऋणदाता की अंतिम आश्रयस्थली: बैंकिंग क्षेत्र में नकदी की कमी होने पर RBI बैंकों को आवश्यक ऋण प्रदान करता है।
13. नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करना: RBI नए बैंकों को लाइसेंस जारी करता है और उनके कामकाज की देखरेख करता है।
14. वित्तीय बाजार का नियमन: RBI वित्तीय बाजारों जैसे कि मुद्रा बाजार, ऋण बाजार और विदेशी विनिमय बाजार को नियंत्रित करता है।
15. डीजिटल पेमेंट को बढ़ावा: RBI डिजिटल पेमेंट और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नीतियां और दिशा-निर्देश तैयार करता है।
ये बिंदु RBI की बहुआयामी भूमिका को स्पष्ट करते हैं जो भारत की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर कैसे बनें (How to Become RBI Governor in Hindi)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर बनने के लिए एक लंबी और कठिन प्रक्रिया होती है। यह पद न केवल अत्यधिक प्रतिष्ठित है बल्कि इसके साथ कई जिम्मेदारियाँ भी जुड़ी होती हैं। RBI के गवर्नर का काम भारत की मौद्रिक नीतियों को नियंत्रित करना, बैंकिंग सिस्टम का संचालन, और देश की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना होता है। यहां हम आपको बताएंगे कि RBI के गवर्नर बनने के लिए क्या आवश्यकताएँ और योग्यताएँ होती हैं।
1. शैक्षणिक योग्यता
• RBI गवर्नर बनने के लिए आपके पास उच्च स्तरीय शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। अक्सर इस पद के लिए अर्थशास्त्र, वित्त, या प्रबंधन में मास्टर्स डिग्री (MBA, MA in Economics, etc.) आवश्यक होती है।
• साथ ही, डॉक्टरेट (Ph.D.) की डिग्री वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती है, विशेषकर अर्थशास्त्र या वित्तीय अध्ययन में।
2. व्यावसायिक अनुभव
• RBI के गवर्नर बनने के लिए बैंकिंग, वित्तीय सेवा, या नीति-निर्माण के क्षेत्र में कम से कम 15 से 20 वर्षों का अनुभव होना चाहिए।
• उम्मीदवारों को सरकारी सेवा में वरिष्ठ पदों पर काम करने का अनुभव होना चाहिए। केंद्रीय वित्त मंत्रालय या किसी वित्तीय संस्थान में उच्च पद पर काम करने का अनुभव अत्यधिक लाभकारी होता है।
• निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर अनुभव भी महत्वपूर्ण है।
3. नेतृत्व कौशल
• RBI गवर्नर को नीतिगत फैसलों में नेतृत्व दिखाना होता है। इसके लिए नेतृत्व कौशल और समस्या समाधान की कुशलता जरूरी होती है।
• आपको एक अच्छी समझ होनी चाहिए कि मौद्रिक नीतियां कैसे काम करती हैं, और भारत की अर्थव्यवस्था की संरचना क्या है।
4. सामाजिक और राजनैतिक जानकारी
• RBI गवर्नर को सरकार, विभिन्न मंत्रालयों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर काम करना होता है। इसलिए आपको न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी होनी चाहिए, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक नीति पर भी पकड़ होनी चाहिए।
• आपको राजनैतिक प्रक्रियाओं और शासन की समझ भी होनी चाहिए, क्योंकि इस पद पर निर्णय लेने में राजनैतिक प्रभाव भी होता है।
5. नियुक्ति प्रक्रिया
• RBI गवर्नर की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है। इसके लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्रालय के साथ सलाह-मशविरा होता है।
• गवर्नर का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए होता है, जिसे पाँच साल तक बढ़ाया जा सकता है।
• नियुक्ति का निर्णय पूरी तरह से सरकार द्वारा किया जाता है, इसलिए इस पद के लिए सरकार की वरीयताओं और आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखा जाता है।
6. विशेष गुण और क्षमताएँ
• आर्थिक संकट के समय त्वरित निर्णय लेने की क्षमता।
• अच्छे संचार कौशल ताकि जटिल आर्थिक नीतियों को भी सरलता से समझा सकें।
• विश्वसनीयता और अखंडता जो कि इस पद के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
7. प्रमुख कार्य और जिम्मेदारियाँ
• मौद्रिक नीतियों को निर्धारित करना और लागू करना।
• भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करना।
• बैंकिंग प्रणाली की निगरानी और विनियमन।
• मुद्रास्फीति, विकास और रोजगार जैसे आर्थिक मुद्दों पर निगरानी रखना।
RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) में नौकरी कैसे प्राप्त करें (How to get Job in RBI)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) में नौकरी पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चरणों का पालन करना होता है। RBI विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आयोजित करता है, जैसे कि ग्रेड B अधिकारी, असिस्टेंट, ऑफिस अटेंडेंट आदि। यहाँ पर RBI में नौकरी पाने के सामान्य चरण दिए गए हैं।
1. शैक्षिक योग्यता (Educational Qualifications)
RBI में विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग शैक्षिक योग्यताएं होती हैं।
• ग्रेड B अधिकारी: आपको किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 60% अंकों (SC/ST/PWD के लिए 50%) के साथ स्नातक या स्नातकोत्तर होना चाहिए।
• असिस्टेंट: किसी भी स्ट्रीम में स्नातक होना आवश्यक है और 50% अंक होना चाहिए।
• ऑफिस अटेंडेंट: 10वीं पास योग्यता मांगी जाती है।
2. आयु सीमा (Age Limit)
RBI में नौकरी पाने के लिए आयु सीमा भी तय होती है। आमतौर पर:
• ग्रेड B अधिकारी: 21 से 30 वर्ष।
• असिस्टेंट और ऑफिस अटेंडेंट: 18 से 28 वर्ष।
• आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकार के नियमों के अनुसार आयु में छूट दी जाती है।
3. RBI भर्ती प्रक्रिया (RBI Recruitment Process)
RBI में भर्ती प्रक्रिया तीन चरणों में होती है:
1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam) – इसमें सामान्य जागरूकता, अंग्रेजी भाषा, मात्रात्मक योग्यता, और तार्किक क्षमता से संबंधित प्रश्न होते हैं।
2. मुख्य परीक्षा (Main Exam) – इसमें अंग्रेजी, गणित, तर्कशक्ति, और आर्थिक तथा सामाजिक मुद्दों पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।
3. साक्षात्कार (Interview) – मुख्य परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
4. तैयारी कैसे करें (How to Prepare)
• सिलेबस और परीक्षा पैटर्न: सबसे पहले आपको परीक्षा का सिलेबस और पैटर्न समझना होगा। इसके अनुसार अपनी पढ़ाई की योजना बनाएं।
• अभ्यास: हर दिन मॉक टेस्ट, पिछले साल के प्रश्नपत्र और ऑनलाइन टेस्ट सीरीज़ का अभ्यास करें।
• सामान्य जागरूकता: बैंकिंग सेक्टर, आर्थिक नीतियों, भारतीय रिज़र्व बैंक की गतिविधियों और देश-विदेश की घटनाओं से खुद को अपडेट रखें।
• अंग्रेजी भाषा: अंग्रेजी में सुधार के लिए नियमित रूप से पढ़ाई करें और पढ़ने-लिखने की आदत डालें।
• समय प्रबंधन: परीक्षा के दौरान समय का सही प्रबंधन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए आप मॉक टेस्ट का सहारा लें।
5. आवेदन कैसे करें (How to Apply)
RBI अपनी भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी करता है जिसे आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट www.rbi.org.in पर देख सकते हैं। आवेदन ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होता है:
1. ऑनलाइन पंजीकरण (Online Registration) – सबसे पहले आपको वेबसाइट पर जाकर खुद को पंजीकृत करना होगा।
2. आवेदन पत्र भरना (Fill Application Form) – सभी आवश्यक जानकारी, शैक्षिक प्रमाण पत्र, और अन्य दस्तावेज़ों के साथ आवेदन पत्र भरें।
3. शुल्क भुगतान (Fee Payment) – इसके बाद आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
4. प्रवेश पत्र (Admit Card) – परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड करें।
6. चयन प्रक्रिया (Selection Process)
प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, और साक्षात्कार के आधार पर चयन होता है। अंततः चुने गए उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के बाद RBI में नियुक्ति दी जाती है।
7. सैलरी और लाभ (Salary and Benefits)
RBI में काम करने वाले कर्मचारियों को अच्छी सैलरी, भत्ते और कई अन्य लाभ मिलते हैं। जैसे:
• ग्रेड B अधिकारी की प्रारंभिक सैलरी लगभग ₹67,000 प्रति माह होती है।
• इसके अलावा, चिकित्सा सुविधाएं, आवास, यात्रा भत्ता आदि भी मिलते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
RBI में नौकरी प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही तैयारी, समर्पण और आत्मविश्वास से आप इस प्रतिष्ठित बैंक में एक सफल करियर की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। नियमित अध्ययन, मॉक टेस्ट का अभ्यास, और समय प्रबंधन सफलता की कुंजी हैं। और साथ ही RBI के गवर्नर बनने के लिए शैक्षिक योग्यता, अनुभव, नेतृत्व गुण और सरकारी नीति की समझ जरूरी होती है। यह एक चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित पद है, जिसमें भारत की आर्थिक नीतियों को दिशा देने की बड़ी जिम्मेदारी होती है।
FAQs
Q 1. RBI गवर्नर कौन होते हैं?
Ans. RBI गवर्नर भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रमुख होते हैं, जो देश की मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने का कार्य करते हैं। गवर्नर का मुख्य कार्य बैंकिंग और वित्तीय संस्थाओं की निगरानी करना, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और देश की आर्थिक नीति को दिशा देना होता है।
Q 2. RBI गवर्नर की नियुक्ति कैसे होती है?
Ans. RBI गवर्नर की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है। गवर्नर का कार्यकाल आमतौर पर 3 साल का होता है, लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
Q 3. RBI गवर्नर के क्या-क्या कर्तव्य होते हैं?
Ans. RBI गवर्नर के मुख्य कर्तव्य निम्नलिखित हैं।
- मौद्रिक नीति को निर्धारित करना और उसे लागू करना।
- वित्तीय स्थिरता बनाए रखना।
- बैंकों की निगरानी और उनके कामकाज की समीक्षा।
- भारतीय रुपये की आपूर्ति को नियंत्रित करना।
- विदेशी मुद्रा और भंडार की देखरेख करना।
Q 4. RBI गवर्नर के अधीन कौन-कौन सी समितियाँ होती हैं?
Ans. RBI गवर्नर विभिन्न समितियों के अध्यक्ष होते हैं, जैसे मौद्रिक नीति समिति (MPC), बैंकिंग नियामक बोर्ड, और विदेशी मुद्रा विनिमय समिति। ये समितियाँ मौद्रिक नीति और बैंकिंग संबंधी अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करती हैं।
Q 5. RBI गवर्नर के कामकाज पर कौन निगरानी रखता है?
Ans. RBI गवर्नर का कामकाज संसद के प्रति उत्तरदायी होता है और उनकी गतिविधियों की निगरानी वित्त मंत्रालय और अन्य नियामक संस्थाएं करती हैं।
Q 6. RBI गवर्नर का वेतन कितना होता है?
Ans. RBI गवर्नर का वेतन और भत्ते सरकार द्वारा तय किए जाते हैं। हालाँकि, उनका वेतन अन्य सरकारी अधिकारियों के मुकाबले अधिक होता है, लेकिन यह उनकी जिम्मेदारियों के अनुसार निर्धारित किया जाता है।
Q 7. RBI गवर्नर कौन-कौन से महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं?
Ans. RBI गवर्नर महंगाई नियंत्रण, रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, विदेशी मुद्रा नीतियाँ, वित्तीय संस्थाओं के नियमन, और बैंकों के समेकन जैसे बड़े फैसले लेते हैं।
Q 8. RBI गवर्नर बनने के लिए कौन सी योग्यता आवश्यक है?
Ans. RBI गवर्नर बनने के लिए वित्तीय, आर्थिक, और बैंकिंग के क्षेत्र में गहरी समझ और अनुभव की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही उम्मीदवार का वित्तीय नीति निर्माण और अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं में विशेषज्ञता होनी चाहिए।
Q 9. RBI के पहले गवर्नर कौन थे?
Ans. भारतीय रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर सर ओसबॉर्न स्मिथ थे, जिनका कार्यकाल 1935 से 1937 तक रहा।
Q 10. भारत के पहले भारतीय RBI गवर्नर कौन थे?
Ans. भारत के पहले भारतीय RBI गवर्नर सी डी देशमुख थे, जिन्होंने 1943 से 1949 तक इस पद को संभाला।
Q 11. RBI गवर्नर का कार्यकाल कितना होता है?
Ans. RBI गवर्नर का कार्यकाल आमतौर पर 3 साल का होता है, लेकिन इसे सरकार द्वारा बढ़ाया जा सकता है।
Q 12. RBI गवर्नर की महत्वपूर्ण चुनौतियाँ क्या होती हैं?
Ans. RBI गवर्नर को मौद्रिक स्थिरता बनाए रखने, महंगाई नियंत्रण, बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य की निगरानी, और विदेशी मुद्रा के प्रबंधन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
Q 13. क्या RBI गवर्नर स्वतंत्र रूप से काम करते हैं?
Ans. RBI गवर्नर को काफी हद तक स्वतंत्रता मिलती है, लेकिन वे सरकार के वित्तीय लक्ष्यों और नीतियों को भी ध्यान में रखकर निर्णय लेते हैं।
Q 14. RBI गवर्नर कितने समय तक अपने पद पर रह सकते हैं?
Ans. RBI गवर्नर का कार्यकाल 3 साल का होता है, लेकिन उन्हें सरकार द्वारा एक्सटेंशन दिया जा सकता है।
Q 15. RBI गवर्नर और सरकार के बीच क्या संबंध होता है?
Ans. RBI गवर्नर और सरकार के बीच एक संतुलित संबंध होता है। गवर्नर को सरकार की नीतियों के अनुरूप काम करना होता है, लेकिन वे मौद्रिक नीति के मामलों में स्वतंत्रता भी रखते हैं।
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