मोबाइल की आदत कैसे छोड़ें? | Child Mobile Phone Addiction in Hindi

मोबाइल की आदत कैसे छोड़े? (Child Mobile Phone Addiction in Hindi):-आज के इस आधुनिक दौर में स्मार्टफोन ने संचार की दुनिया में क्रांति ला दी है। आज के समय में इंस्टेंट मैसेजिंग, इंटरनेट और मिलियन एप्स ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। आबादी का सबसे प्रभावित युवा पीढ़ी क्षेत्र जो स्मार्टफोन की लत का शिकार हो रहा है।आजकल के जो बच्चे धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं, वह टीनएजर नहीं हो रहे हैं, वह सभी स्क्रीनएजर हो रहे हैं।

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मोबाइल की आदत कैसे छोड़ें?(Child Mobile Phone Addiction in Hindi)

बच्चे जैसे जैसे बढ़ते जा रहे हैं, वैसे वैसे उनका स्क्रीन टाइम बढ़ता जा रहा है, जो कि हमारे युवा पीढ़ी के लिए काफी खतरनाक है। अत्यधिक स्मार्टफोन का प्रयोग करने से बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे की बच्चों में स्मार्टफोन की लत को छुड़ाने के लिये आप कौन कौन से उपाय कर सकते हैं?

बच्चे क्यों मोबाइल फोन देखते हैं?

कुछ विशेषज्ञों का मानना है, कि 6 माह का नवजात शिशु तरह-तरह के चित्रों और रंगो को देखकर उनकी ओर आकर्षित होता है। यही कारण है, कि मोबाइल फोन के प्रति बच्चों का आकर्षण बढ़ता चला जाता है। मोबाइल फोन से जो रोशनी निकलती है, और जो उसमें अलग अलग तरीके से चित्र दिखाई देते हैं, वह सभी बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

मोबाइल फोन से जो आवाजें निकलती हैं, उनका प्रयोग करने के दौरान बच्चों में उसके बारे में जानने, समझने और उनको छूने के लिए उत्सुकता बढ़ती है। यही कारण है, कि बच्चे मोबाइल फोन देखने और चलाने के लिए उत्तेजित होने लगते हैं।

बच्चों को स्मार्टफोन प्रयोग करने के नुकसान

बच्चों में स्मार्टफोन के प्रयोग से कई सारी समस्याएं भी हो सकती हैं। जिनमें से कुछ हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।

1. बच्चों में फिजियोलॉजिकल एडिक्शन की समस्या –

इस समस्या को आप किसी भी प्रकार की भौतिक वस्तु पर रुझान का होना कह सकते हैं।आसान शब्दों में आप किसी भी वस्तु के प्रति लत लगना कह सकते हैं। कम उम्र के दौरान बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन आ जाने से उनका उससे अत्यधिक लगाव हो जाता है, जिससे उनको इसकी लत लग जाती है।

यह आलम हो जाता है, कि उन्हें खाने-पीने और सोने तक का भी ख्याल नहीं रहता है। इसी समस्या को हम फिजियोलॉजिकल एडिक्शन कहते हैं।

2. व्यवहार संबंधित समस्या –

यदि आपके बच्चे बाहर जाकर खेलने के बजाय स्मार्ट फोन में गेम खेलने में बिजी रहते हैं, तो उनको बिहेवियर प्रॉब्लम हो सकती है। यह समस्या उन बच्चों में ज्यादा हो जाती है, जो बच्चे अपने हमउम्र के साथ खेलते हैं। इसीलिए बच्चों को फिजिकली खेलने के लिए उत्साहित करें।

3. बच्चों में नर्वस डिसऑर्डर की समस्या –

जैसा कि हम सभी जानते हैं मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से बच्चों को कई सारे गंभीर स्वास्थ्य विकार होने का खतरा रहता है। जिसमें तंत्रिका से जुड़ी हुई समस्याएं भी शामिल हैं।

वैसे तो तंत्रिका विकार में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, परंतु साधारण तौर पर इसकी वजह से चलने, बोलने, सांस लेने, किसी भी चीज को निगलने और सीखने की क्षमता में कमी हो सकती है, जोकि बच्चों के भविष्य के लिए काफी खतरनाक है।

4. मोबाइल फोन के प्रयोग से कैंसर का खतरा होना –

बच्चों के स्मार्टफोन प्रयोग करने से होने वाली समस्याओं से संबंधित एक अध्ययन में पाया गया कि स्मार्टफोन से निकलने वाला रेडिएशन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण भी बन सकता है। साथ-साथ में ब्रेन ट्यूमर होने का भी खतरा बढ़ जाता है।

5. बच्चों में अनिद्रा की समस्या होना –

बच्चे स्मार्टफोन के जरिए गेम खेलते हैं, कार्टून देखते हैं. नई-नई चीजें देखते हैं, यह सभी वे रात रात भर जाग कर देखते रहते हैं। जिससे बच्चों में स्मार्टफोन के प्रति रूचि बढ़ने लगती है. जिससे उनको सुबह जल्दी उठने में समस्या होने लगती है। इसी आदत की निरंतरता के वजह से बच्चों में अनिद्रा जैसी बीमारी के होने का खतरा अत्यधिक हो जाता है।

6. बच्चों में कम उम्र में ही आंखों में चश्मा लगना –

स्मार्टफोन के प्रति अत्यधिक रूचि होने के कारण बच्चे लंबे लंबे समय तक स्मार्टफोन के स्क्रीन के सामने रहते हैं। जिससे निकलने वाला प्रकाश उनकी आंखों को प्रभावित करता है।जिसके कारण उनको कम उम्र में ही आंखों की समस्या हो जाती है, और बच्चे को जल्द ही चश्मे का प्रयोग करना पड़ जाता है।

7. सिर दर्द की समस्या का होना –

लंबे समय तक स्मार्टफोन का प्रयोग करने की वजह से बच्चों में सिर दर्द की समस्या हो सकती है।

8. पल-पल बच्चों के मूड में बदलाव होना –

आजकल के बच्चों में मूड स्विंग की समस्या आम हो गई है, इस समस्या के होने से वह पल भर में खुश, तो दूसरे ही पल में चिड़चिडे एवं मायूस हो जाते हैं। अत्यधिक स्मार्टफोन के प्रयोग से बच्चों में मूड स्विंग की समस्या होने का खतरा उच्च रूप से रहता है।

9. लर्निंग डिसेबिलिटी की समस्या होना –

अधिक टेक्नोलॉजी के कारण बच्चों में पढ़ाई करने का तरीका बदल गया है। अब के बच्चे गणित के कठिन से कठिन सवाल हल करने के लिए मोबाइल फोन या फिर केलकुलेटर का सहारा लेते हैं, जो हमारी और आपकी तरह रफ पेपर पर गुणा भाग करने से कहीं ज्यादा आसान होता है।

यही कारण है कि बच्चों की याददाश्त में कमी आती जा रही है। सिर्फ एक क्लिक के माध्यम से इंटरनेट के जरिए सभी जानकारी हासिल कर लेते हैं। जिससे उनको कुछ भी याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती है।

यही सबसे बड़ा कारण है कि बच्चे नॉर्मल तरीकों से पढ़ना भूल गए और साधारण सी कैलकुलेशन के लिए भी वह कैलकुलेटर का प्रयोग करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। मैनुअली तरीके से पढ़ने का फायदा यह होता है, कि आपका दिमाग तेज होता चला जाता है. जिससे याददाश्त शक्ति में बढ़ोतरी होती है।

10. बच्चों में काल्पनिक दुनिया में रहने की समस्या –

स्मार्टफोन के जरिए सोशल साइट एक कारण है जिसमें बच्चे आपसे नजर बचाकर ज्यादा से ज्यादा समय अपने वर्चुअल दोस्तों के साथ सोशल साइट पर व्यतीत करते हैं। रियल दोस्त बनाना पसंद ही नहीं करते हैं।

इसी काल्पनिक दुनिया में वे खोए रहते हैं, और उनको रियल की दुनिया से कोई भी मतलब नहीं रहता है। जिसका प्रभाव उनपर इस तरह पड़ता है कि वह पढ़ाई और बाकी चीजों में पिछड़ने लगते हैं। जो कि बच्चों के भविष्य के लिए बहुत ही खतरनाक सिद्ध हो सकता है।

बच्चों का ध्यान स्मार्टफोन से कैसे हटाए? (How to Get Rid of Mobile Addiction for Child)

अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को स्मार्टफोन की लत से दूर करना चाहते हैं, परंतु कैसे ? हम आप के लिये कुछ तरीके लेकर आये हैं, जिनसे आप अपने बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रख सकेंगे।

1. आज के समय में बच्चों से स्मार्टफोन को छीनना बहुत ही कठिन है परंतु आप स्मार्टफोन को प्रयोग करने का समय उनके लिए निश्चित करें। आप अपने बच्चों के साथ में बैठकर क्वालिटी टाइम स्पेंड करें और उनको नई नई चीजों के बारे में बताएं उनसे बातें करें और हो सके तो कुछ समय के लिए उनके साथ फिजिकल गेम भी खेलें।

2. बच्चों को नेचर की तरफ आकर्षित करें इससे बच्चों को नेचर के प्रति रुचि बढ़ेगी और उनको अपने कल्चर के बारे में भी जानने का मौका मिलेगा।

3. अगर आपको ठीक लगे तो बच्चों उनकी क्षमता के अनुसार उनके साथ में मिलकर घरेलू कामों में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे बच्चे आत्मनिर्भर रहना सीखेंगे और खाली समय में स्मार्टफोन के प्रयोग के बजाय कुछ व्यवहारिक और सामाजिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।

4. बच्चों को हो सके तो प्यार से समझाएं की स्मार्टफोन का प्रयोग उनके लिए काफी हानिकारक होता है। बच्चों को रुचि के हिसाब से डांस, म्यूजिक और पेंटिंग जैसे कामों को करने के लिए उत्साहित करें ऐसा करने से उनका बेहतर तरीके से विकास होगा।

5. अपने बच्चे को स्मार्टफोन की लत से दूर करने के लिए उसे आप किसी स्पोर्ट क्लब में ज्वाइन करा दें, जिससे बच्चा स्पोर्ट्स में रूचि तो लेगा ही साथ ही में बच्चे का स्वास्थ्य और शरीर हष्ट पुष्ट रहेगा।

6. बच्चों के सामन फोन का प्रयोग कम से कम करें और उनके साथ बातें करने की कोशिश करें।

बच्चों के लिए स्मार्टफोन के फायदे-

कई मायनों में स्मार्टफोन का प्रयोग बच्चों के लिए जरूरी हो जाता है. जिससे उनकी सुरक्षा एवं सीखने समझने और पढ़ाई के क्षेत्र में भी सहायता हो जाती है. आइए जानते हैं, स्मार्टफोन प्रयोग करने के कुछ फायदे.

1. घर बैठे दुनिया भर की चीजों को जानने और समझने की आजादी –

स्मार्टफोन के जरिए बच्चा किसी भी प्रकार की जानकारी चाहे वह जिस भी लैंग्वेज में चाहे उसे हासिल कर सकता है। इसके लिए उसे घर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। अपने घर बैठे ही सभी प्रकार की जानकारी हासिल कर सकता है. जिससे बच्चे का समय भी बचेगा।किसी भी प्रकार की जानकारी घर बैठे हासिल करने के लिए स्मार्टफोन और इंटरनेट का होना आवश्यक है।

2. अच्छे और ज्ञानवर्धक यूट्यूब चैनल –

मोबाइल में अच्छा कंटेंट देखा जाये तो वो फायदेमंद होता है।आजकल यूट्यूब पर बच्चों के लिये अच्छे और ज्ञानवर्धक बहुत से चैनल हैं, जिसमें सिर्फ बच्चों से जुड़ा कंटेंट दिखाया जाता है, जिसमें कई तरह के चैलेंज और गेम्स होते है। जिससे बच्चों को नया कुछ सिखने भी मिलता है। आप बच्चों को इस तरह का चैनल दिखा सकते है, जहाँ उन्हें कुछ नया क्रिएटिव देखने और सिखने को मिलता है।

3. अपना डाटा सुरक्षित रख सकते हैं –

पहले के समय में किसी भी प्रकार के डाटा को कहीं भी ले जाने में बहुत कठिनाइयां होती थी।परंतु स्मार्टफोन के अंदर ही आप अपने किसी भी प्रकार के डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं, और आसानी से कहीं पर भी ले जा सकते हैं। बच्चे अपने पढ़ाई से संबंधित किसी भी प्रकार के डाटा को सुरक्षित करके उनका इस्तेमाल कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं।

4. जरूरत में किसी से भी बात कर सकते हैं –

स्मार्टफोन के जरिए आप किसी भी समय, कहीं भी, किसी से भी आसानी से कॉल करके बात कर सकते हैं, और सहायता मांग सकते हैं। यहां तक कि अगर आप किसी भी मुसीबत में है, तो आप अपने गार्जियन को इसकी सूचना भी दे सकते हैं। खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

5. सुरक्षा के नाते और सबूत जुटाने के लिए –

यदि आप अपने बच्चे को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो कहीं पर भी जाने से पहले अपने बच्चे को स्मार्टफोन में जीपीएस ऑन करके दे सकते हैं। जिससे आप बच्चे की लोकेशन को लगातार ट्रैक कर सकते हैं, और उसे सुरक्षित रख सकते हैं। किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर बच्चा अपने स्मार्टफोन के कैमरे के जरिए दुर्घटना का सबूत इकट्ठा कर सकता है, और अपने को स्वयं सुरक्षित रख सकता है।

6. पढ़ाई के लिए इसका प्रयोग –

स्मार्टफोन के माध्यम से छात्र बच्चा अपनी बड़ी से बड़ी बुक को सेव करके रख सकता है, और जरूरत पड़ने पर उसे कहीं भी प्रयोग कर सकता है। बच्चा अपने अनुसार कई सारे बुक को डाउनलोड करके उसे समय मिलने पर पढ़ सकता है। ऑनलाइन डाउनलोड की गई बुक को इबुक कहते हैं। जिसका प्रयोग कहीं भी आसानी से स्मार्टफोन के जरिए पढ़ने के लिए किया जा सकता है।

दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको बच्चों की मोबाइल की आदत कैसे छोड़ें? इस से जुडी बातें विस्तार पूर्वक जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी, यदि आपके पास इस लेख मोबाइल की आदत कैसे छोड़े? (Child Mobile Phone Addiction in Hindi) से सम्बंधित कोई अन्य जानकारी हो या हमारे लेख मे कोई त्रुटी हो, तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। और इसे अपने दोस्तों और परिचित के साथ शेयर करना ना भूलें। धन्यवाद।

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