पंचतंत्र की कहानियां | Panchtantra Ki Kahaniya in Hindi

Panchtantra Ki Kahaniyan:- आज हम आपके लिये मजेदार कहानियां लेकर आये हैं। पंचतंत्र की कहानियां हमेशा से ज्ञानवर्धक होती हैं। पंचतंत्र की कहानियाँ बहुत ही रोचक और रोमांचक होती हैं और हर कहानी में कोई न कोई अच्छी शिक्षा होती है। पंचतंत्र के लेखक विष्णु शर्मा है। पंचतंत्र की मजेदार कहानियों को पढने के लिये बने रहे हमारे साथ। तो दोस्तों आइये शुरु करते हैं।

 

पंचतंत्र की कहानियां (Panchtantra Ki Kahaniya in Hindi)

एक छात्र के रूप में जीवन निश्चित रूप से रोमांचक, लेकिन थकाऊ होता है। क्यंकि वह पढ़ाई में कई घंटे देकर अपने जीवन को बनाने की दौड़ में लगा हुआ है। लेकिन पंचतंत्र की कहानी पढकर उसे नया रोमांच और एक ही समय में बहुत सी चीजें सीख सकता है। यहाँ हम आपके लिये जीवन के नैतिक मूल्यों से जुड़ी हुई कहानियाँ लेकर आये हैं। जिनको पढ़कर आपको भी आनंद की अनुभूति होगी।

 

पंचतंत्र की कहानियां पंचतंत्र स्टोरी इन हिंदी (Panchatantra Stories in Hindi) भारत में ही नहीं बल्कि सारे विश्व में भी काफी पसंद की जाती है। और यह हिंदी साहित्य में भी अपना विशेष स्थान रखती हैं। इसमें कोई प्रश्न नहीं है, कि इसके इतने प्रसिद्ध होने का कारण मनोरंजन, सफलता, रोचकता, मनोविज्ञान और राजीनीति शास्त्र का संगम हैं। पंचतंत्र की कहानियां समाज का प्रत्येक लोगों का समूह बहुत पसंद करते हैं, चाहे फिर वह वर्ग छोटे बच्चे, किशोर, जवान और बूढ़े ही क्यों न हो।

व्याघ्र और मगरमच्छ का साथ (Panchtantra Ki Kahaniya)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक व्याघ्र और एक मगरमच्छ रहते थे. वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. वे एक साथ खेलते थे, एक साथ खाते थे और एक साथ सोते थे.

एक दिन, व्याघ्र जंगल में घूम रहा था. तभी उसे एक हिरण दिखाई दिया. व्याघ्र ने हिरण का पीछा किया और उसे मार डाला. व्याघ्र ने मगरमच्छ को हिरण का मांस खाने के लिए बुलाया. मगरमच्छ बहुत खुश हुआ. उसने व्याघ्र को धन्यवाद दिया.

मगरमच्छ ने कहा, “मैं तुम्हें कभी नहीं धोखा दूंगा. मैं हमेशा तुम्हारी मदद करूंगा.”

व्याघ्र ने कहा, “मुझे तुम्हारी दोस्ती पर गर्व है.”

कुछ दिन बाद, व्याघ्र बीमार पड़ गया. वह कुछ भी नहीं खा पा रहा था. मगरमच्छ व्याघ्र के पास आया और उससे पूछा कि वह क्या चाहता है. व्याघ्र ने कहा, “मैं नदी में जाकर तैरना चाहता हूं.”

मगरमच्छ ने व्याघ्र को नदी में ले जाया. व्याघ्र ने नदी में तैरना शुरू कर दिया. लेकिन वह बहुत कमजोर था. वह डूबने लगा.

मगरमच्छ ने व्याघ्र को बचाया. उसने व्याघ्र को किनारे पर ले आया और उसे पानी पिलाया. व्याघ्र ठीक हो गया.

व्याघ्र ने मगरमच्छ को धन्यवाद दिया. उसने कहा, “तुमने मेरी जान बचाई है. मैं तुम्हारा बहुत आभारी हूं.”

मगरमच्छ ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि मैं तुम्हारी मदद कर सका.”

व्याघ्र और मगरमच्छ के बीच दोस्ती और भी मजबूत हो गई. वे दोनों हमेशा एक दूसरे की मदद करते थे.

कहानी से शिक्षा:- दोस्ती सबसे बड़ी शक्ति है.

गीदड़ का विद्या-संग्रह (Panchtantra Ki Kahaniya in Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक गीदड़ रहता था. वह बहुत ही बुद्धिमान गीदड़ था. वह बहुत सारी विद्या जानता था. वह जानता था कि कैसे जंगल में रहना है, कैसे शिकार करना है, और कैसे अपने शिकारियों से बचना है.

एक दिन, गीदड़ जंगल में घूम रहा था. तभी उसे एक शेर दिखाई दिया. शेर बहुत बड़ा और शक्तिशाली था. गीदड़ बहुत डर गया. उसने सोचा कि शेर उसे खा जाएगा.

गीदड़ ने शेर के सामने जाकर कहा, “हे शेर, मैं बहुत ही बुद्धिमान गीदड़ हूं. मैं तुम्हें बहुत सारी विद्या सिखा सकता हूं.”

शेर को गीदड़ की बात पर हंसी आई. उसने कहा, “तुम एक छोटे से गीदड़ हो. तुम मुझे क्या विद्या सिखा सकते हो?”

गीदड़ ने कहा, “मैं तुम्हें बता सकता हूं कि कैसे जंगल में रहना है, कैसे शिकार करना है, और कैसे अपने शिकारियों से बचना है.”

शेर को गीदड़ की बातें दिलचस्प लगीं. उसने गीदड़ से विद्या सीखना शुरू कर दिया. गीदड़ ने शेर को बहुत सारी विद्या सिखाई. शेर गीदड़ की विद्या से बहुत खुश हुआ.

गीदड़ और शेर के बीच दोस्ती हो गई. वे दोनों एक साथ जंगल में घूमते थे और शिकार करते थे. वे दोनों एक दूसरे की मदद करते थे.

एक दिन, शेर शिकार कर रहा था. तभी उसे एक बाघ दिखाई दिया. बाघ बहुत बड़ा और शक्तिशाली था. शेर बहुत डर गया. उसने सोचा कि बाघ उसे मार डालेगा.

गीदड़ शेर की मदद के लिए आया. उसने बाघ से कहा, “तुम शेर को मत मारो. वह मेरा दोस्त है.”

बाघ को गीदड़ की बात पर गुस्सा आया. उसने गीदड़ को मारने के लिए दौड़ा. गीदड़ बहुत तेज़ था. उसने बाघ को मारा नहीं.

गीदड़ ने शेर को बाघ से बचाया. शेर गीदड़ की मदद से बहुत खुश हुआ. उसने गीदड़ को धन्यवाद दिया.

गीदड़ और शेर के बीच दोस्ती और भी मजबूत हो गई. वे दोनों एक दूसरे की मदद करते रहे और हमेशा एक साथ रहे.

कहानी से शिक्षा:- बुद्धिमानी का दम होता है.

समझदार कौआ (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक कौआ रहता था. वह बहुत ही समझदार कौआ था. वह बहुत सारी बातें जानता था. वह जानता था कि कैसे जंगल में रहना है, कैसे शिकार करना है, और कैसे अपने शिकारियों से बचना है.

एक दिन, कौआ जंगल में घूम रहा था. तभी उसे एक तालाब दिखाई दिया. तालाब में बहुत सारे मछली तैर रहे थे. कौआ बहुत भूखा था. उसने सोचा कि वह मछली खाएगा.

कौआ ने एक मछली को चुना और उसे चोंच में दबा लिया. वह तालाब से उड़ गया और एक पेड़ पर बैठ गया. कौआ ने मछली को खाने के लिए चोंच खोली. तभी एक सांप ने कौए को देख लिया.

सांप ने कौए को डस लिया. कौआ बहुत दर्द से कराहने लगा. उसने मछली को गिरा दिया. सांप ने मछली को खा लिया.

कौआ बहुत दुखी हुआ. उसने सोचा कि अगर वह सावधान रहता तो वह मछली खा सकता था.

कौआ ने सीखा कि हमेशा सावधान रहना चाहिए. अगर हम सावधान नहीं होंगे तो हम नुकसान उठा सकते हैं.

कहानी से शिक्षा:-  सावधानी ही सुरक्षा है.

दोस्ती का नया मार्ग (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक गीदड़ रहते थे. शेर बहुत शक्तिशाली था, लेकिन वह बहुत अकेला भी था. गीदड़ बहुत बुद्धिमान था, लेकिन वह बहुत कमजोर था.

एक दिन, शेर और गीदड़ एक साथ जंगल में घूम रहे थे. तभी उन्हें एक जंगली सूअर दिखाई दिया. सूअर बहुत बड़ा और शक्तिशाली था. शेर और गीदड़ दोनों बहुत डर गए.

शेर ने कहा, “मैं इस सूअर से लड़ नहीं सकता. मैं बहुत छोटा हूं.”

गीदड़ ने कहा, “मैं इस सूअर से लड़ नहीं सकता. मैं बहुत कमजोर हूं.”

शेर और गीदड़ दोनों बहुत दुखी थे. वे नहीं जानते थे कि वे क्या करें.

तभी गीदड़ ने एक विचार आया. उसने कहा, “हम दोनों मिलकर इस सूअर से लड़ेंगे.”

शेर ने कहा, “यह कैसे संभव है? तुम बहुत कमजोर हो.”

गीदड़ ने कहा, “मैं बहुत बुद्धिमान हूं. मैं इस सूअर को धोखा देकर मार डालूंगा.”

गीदड़ ने सूअर के पास जाकर कहा, “हे सूअर, मैं तुम्हारा दोस्त बनना चाहता हूं.”

सूअर को गीदड़ का प्रस्ताव अजीब लगा. उसने कहा, “तुम मेरे दोस्त कैसे बन सकते हो? तुम एक बहुत छोटा और कमजोर जानवर हो.”

गीदड़ ने कहा, “मैं बहुत बुद्धिमान हूं. मैं तुम्हें बहुत सारी चीजें सिखा सकता हूं.”

सूअर को गीदड़ की बातें दिलचस्प लगीं. उसने कहा, “ठीक है, मैं तुम्हारा दोस्त बनूंगा.”

गीदड़ और सूअर दोस्त बन गए. गीदड़ ने सूअर को बहुत सारी चीजें सिखा दीं. सूअर बहुत खुश था. उसने कभी नहीं सोचा था कि वह एक छोटे से जानवर से दोस्ती कर सकता है.

एक दिन, शेर और गीदड़ जंगल में घूम रहे थे. तभी उन्हें सूअर दिखाई दिया. सूअर बहुत खुश था. उसने शेर और गीदड़ को बताया कि वह गीदड़ का दोस्त बन गया है.

शेर को बहुत खुशी हुई. उसने सोचा कि अब वह अकेला नहीं रहेगा.

शेर, गीदड़ और सूअर तीनों दोस्त बन गए. वे जंगल में एक साथ घूमते थे और खेलते थे. वे बहुत खुश थे.

कहानी से शिक्षा:-  दोस्ती का कोई बंधन नहीं होता है. दोस्ती किसी भी रूप में हो सकती है.

भैंस और गधे का विवाद (Panchtantra Ki Kahaniya in Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक भैंस और एक गधा रहते थे. भैंस बहुत शक्तिशाली थी, जबकि गधा बहुत बुद्धिमान था. एक दिन, वे दोनों एक साथ जंगल में घूम रहे थे. तभी उन्हें एक कुआं दिखाई दिया.

भैंस ने कहा, “मैं इस कुएं में उतरकर पानी पीऊंगा.”

गधे ने कहा, “तुम ऐसा मत करो. कुएं में पानी बहुत गहरा है और तुम डूब सकते हो.”

भैंस ने कहा, “मुझे कुछ नहीं होगा. मैं बहुत शक्तिशाली हूं.”

भैंस कुएं में उतर गया और पानी पीने लगा. गधा उसे रोकने की कोशिश करता रहा, लेकिन भैंस ने उसकी बात नहीं सुनी.

कुछ देर बाद, भैंस पानी पीकर बाहर निकला. वह बहुत खुश था. उसने गधे से कहा, “देखा, मैंने तुम्हें बताया था कि मुझे कुछ नहीं होगा.”

गधा ने कहा, “मुझे तुम्हारी खुशी देखकर बहुत अच्छा लगा. लेकिन अब तुम बहुत थक गए हो. चलो हम घर चलते हैं.”

भैंस और गधा घर चले गए. रास्ते में, भैंस बहुत थक गया और सो गया. गधे ने उसे उठाया और उसे घर ले गया.

गधे ने भैंस को घर ले जाने के बाद कहा, “तुम बहुत शक्तिशाली हो, लेकिन तुम बहुत बुद्धिमान नहीं हो. अगर तुम मेरी बात सुनते तो तुम कुएं में नहीं गिरते और इतना थकते नहीं.”

भैंस ने कहा, “तुम सही हो. मैं बहुत शक्तिशाली हूं, लेकिन मैं बहुत बुद्धिमान नहीं हूं. लेकिन अब मुझे समझ आ गया है कि बुद्धिमान होना भी बहुत जरूरी है.”

भैंस और गधे दोस्त बन गए. वे दोनों एक दूसरे से बहुत कुछ सीखे और वे हमेशा एक दूसरे की मदद करते थे.

कहानी से शिक्षा:-  बुद्धिमानी और शक्ति दोनों ही जरूरी हैं.

भूत और बगुला (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक भूत रहता था. भूत बहुत डरावना था, और सभी जानवर उससे बहुत डरते थे. एक दिन, एक बगुला जंगल में उड़ रहा था. बगुला बहुत बुद्धिमान था, और उसने सोचा कि वह भूत को धोखा देकर उसे मार डालेगा.

बगुला भूत के पास गया और कहा, “हे भूत, मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूं.”

भूत को बगुले की बात पर आश्चर्य हुआ. उसने कहा, “तुम मेरी मदद कैसे कर सकते हो?”

बगुले ने कहा, “मैं तुम्हें एक जादुई पेड़ के बारे में बता सकता हूं. इस पेड़ के फल बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, और अगर तुम इन फलों को खाओगे तो तुम अमर हो जाओगे.”

भूत को बगुले की बात सुनकर बहुत खुशी हुई. उसने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि तुमने मुझे इस पेड़ के बारे में बताया. मैं इस पेड़ के फल को खाकर अमर हो जाऊंगा.”

बगुले ने कहा, “लेकिन तुम्हें इस पेड़ के फल को रात में तोड़ना होगा. अगर तुम दिन में इस पेड़ के फल को तोड़ोगे तो तुम्हें कुछ नहीं होगा.”

भूत ने कहा, “मैं रात में इस पेड़ के फल को तोड़कर खाऊंगा.”

बगुला ने कहा, “चलो, मैं तुम्हें इस पेड़ के पास ले चलता हूं.”

बगुला भूत को पेड़ के पास ले गया. भूत ने पेड़ से एक फल तोड़ा और खा लिया. भूत को बहुत स्वाद लगा. उसने एक और फल तोड़ा और खा लिया. भूत ने बहुत सारे फल खा लिए.

भूत बहुत खुश था. उसने सोचा कि अब वह अमर हो गया है. लेकिन कुछ ही देर बाद, भूत की तबीयत खराब हो गई. भूत को बहुत दर्द होने लगा. भूत बहुत कमजोर हो गया. भूत मर गया.

बगुला भूत की मौत देखकर बहुत खुश हुआ. उसने कहा, “मैंने भूत को धोखा देकर उसे मार डाला है. अब जंगल में कोई भी भूत नहीं रहेगा.”

बगुला जंगल से उड़कर चला गया.

कहानी से शिक्षा:-  बुद्धिमानी हमेशा बल से अधिक शक्तिशाली होती है.

बदले का बदला (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी. लोमड़ी बहुत ही चालाक और धोखेबाज थी. वह जंगल के सभी जानवरों को धोखा देकर खा जाती थी. एक दिन, एक भेड़िया जंगल में आया. भेड़िया बहुत ही शक्तिशाली था. उसने लोमड़ी को देखा और कहा, “मैं तुम्हें खाऊंगा.”

लोमड़ी बहुत डर गई. उसने भेड़िये से कहा, “मुझे मत खाओ. मैं तुम्हारी मदद करूंगी.”

भेड़िये ने कहा, “कैसी मदद?”

लोमड़ी ने कहा, “जंगल में एक शेर रहता है. वह बहुत ही शक्तिशाली है. वह सभी जानवरों को खा जाता है. मैं तुम्हें शेर से बचाऊंगी.”

भेड़िये को लोमड़ी की बात पर विश्वास हो गया. उसने लोमड़ी को अपनी मदद करने के लिए कहा.

लोमड़ी ने भेड़िये को शेर के पास ले गई. शेर बहुत ही भूखा था. उसने भेड़िये को देखकर कहा, “मैं तुम्हें खाऊंगा.”

लोमड़ी ने कहा, “नहीं, तुम भेड़िये को नहीं खा सकते. वह मेरा दोस्त है.”

शेर को लोमड़ी की बात पर गुस्सा आया. उसने लोमड़ी को मारने के लिए दौड़ा. लोमड़ी बहुत चालाक थी. उसने शेर को धोखा देकर भाग गई.

भेड़िया बहुत खुश हुआ. उसने लोमड़ी की मदद के लिए धन्यवाद दिया. लोमड़ी और भेड़िया दोस्त बन गए. वे दोनों जंगल में एक साथ रहते थे और खुश थे.

कहानी से शिक्षा:- बदले से कभी कुछ नहीं मिलता है. बदले से सिर्फ और सिर्फ दुख और कष्ट होता है.

चलबाज बंदर (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक बंदर रहता था. बंदर बहुत ही चलबाज था. वह हमेशा दूसरों को धोखा देता था और उनका माल चुराता था. एक दिन, बंदर एक पेड़ पर बैठा था. वह पेड़ से नीचे देखने लगा. उसने देखा कि नीचे एक आदमी बैठा है. आदमी के पास एक टोकरी थी. टोकरी में बहुत सारे फल थे.

बंदर को फल बहुत पसंद थे. उसने सोचा कि वह आदमी से फल चुरा लेगा. बंदर पेड़ से नीचे उतर गया और आदमी के पास गया. बंदर ने आदमी से कहा, “हे आदमी, तुम क्या खा रहे हो?”

आदमी ने बंदर को देखा और कहा, “मैं फल खा रहा हूं.”

बंदर ने कहा, “फल बहुत स्वादिष्ट लग रहे हैं. मुझे भी कुछ फल चाहिए.”

आदमी ने बंदर को फल देने से मना कर दिया. उसने कहा, “फल मेरे हैं. मैं तुम्हें नहीं दे सकता.”

बंदर बहुत नाराज हुआ. उसने सोचा कि वह आदमी से फल चुरा लेगा. बंदर ने आदमी के पास जाकर टोकरी उठा ली. बंदर ने टोकरी को पेड़ पर ले गया और फल खाने लगा.

आदमी बहुत गुस्सा हुआ. उसने बंदर को फल चुराने के लिए डांटा. बंदर बहुत डर गया. उसने फल को छोड़ दिया और पेड़ से नीचे उतर गया.

आदमी ने बंदर को फल चुराने के लिए दंडित किया. बंदर को बहुत दुख हुआ. उसने सोचा कि वह फिर कभी किसी को धोखा नहीं देगा.

कहानी से शिक्षा:-  चलबाजी कभी भी अच्छी नहीं होती है. चलबाजी से सिर्फ और सिर्फ दुख और कष्ट होता है.

चिड़िया का साहस (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक चिड़िया रहती थी. चिड़िया बहुत ही छोटी और कमजोर थी, लेकिन वह बहुत ही साहसी थी. एक दिन, चिड़िया जंगल में उड़ रही थी. तभी उसे एक शिकारी दिखाई दिया. शिकारी ने चिड़िया को देखा और उस पर निशाना लगाया. चिड़िया बहुत डर गई, लेकिन वह नहीं भागी. उसने साहस से शिकारी की ओर देखा और कहा, “तुम मुझे नहीं मार सकते.”

शिकारी को चिड़िया की बात पर हंसी आई. उसने कहा, “तुम बहुत छोटी और कमजोर हो. मैं तुम्हें एक झटके में मार डालूंगा.”

चिड़िया ने कहा, “तुम चाहे कितनी भी कोशिश करो, लेकिन तुम मुझे नहीं मार सकते. मैं तुम्हारे सामने हार नहीं मानूंगी.”

शिकारी को चिड़िया का साहस देखकर बहुत गुस्सा आया. उसने चिड़िया पर फिर से निशाना लगाया, लेकिन चिड़िया ने बहुत ही तेज़ी से उड़कर बच गई. चिड़िया ने शिकारी को डांटा और कहा, “तुम एक कायर हो. तुम एक छोटे से जानवर को नहीं मार सकते.”

शिकारी को चिड़िया की बात पर बहुत शर्म आई. उसने अपना धनुष-बाण फेंक दिया और चिड़िया से माफ़ी मांगी. चिड़िया ने शिकारी को माफ़ कर दिया और उसे जंगल से बाहर निकाल दिया.

कहानी से शिक्षा:-  साहस ही सबसे बड़ी शक्ति है.

बिल्कुल सट्टा नहीं (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी. लोमड़ी बहुत ही चालाक और धोखेबाज थी. वह हमेशा दूसरों को धोखा देकर खा जाती थी. एक दिन, लोमड़ी जंगल में घूम रही थी. वह घूमते-घूमते एक तालाब के पास आ गई. तालाब में एक सुंदर सा हिरण पानी पी रहा था. लोमड़ी को हिरण बहुत पसंद आया. उसने सोचा कि वह हिरण को धोखा देकर खा जाएगी.

लोमड़ी हिरण के पास गई और कहा, “हे हिरण, तुम बहुत ही सुंदर हो.”

हिरण ने लोमड़ी को देखा और कहा, “धन्यवाद.”

लोमड़ी ने कहा, “तुम इतनी दूर अकेली क्यों हो?”

हिरण ने कहा, “मैं अपने घर जा रही हूं.”

लोमड़ी ने कहा, “तुम मेरे साथ चल सकती हो. मैं भी अपने घर जा रही हूं.”

हिरण को लोमड़ी की बात पर विश्वास हो गया. उसने लोमड़ी के साथ चलना शुरू कर दिया.

लोमड़ी हिरण को एक सुनसान जगह पर ले गई. उसने हिरण को कहा, “मैं बहुत थकी हुई हूं. मैं यहां थोड़ी देर आराम करूंगी. तुम मेरे साथ आराम कर सकती हो.”

हिरण को लोमड़ी की बात पर विश्वास हो गया. उसने लोमड़ी के साथ आराम करना शुरू कर दिया.

लोमड़ी ने हिरण को धोखा देकर मार डाला. उसने हिरण का मांस खाया.

लोमड़ी बहुत खुश हुई. उसने सोचा कि वह बहुत बुद्धिमान है. उसने हिरण को धोखा देकर खाया है.

लेकिन लोमड़ी को पता नहीं था कि एक शिकारी ने उसे देख लिया है. शिकारी ने लोमड़ी को गिरफ्तार कर लिया. शिकारी ने लोमड़ी को जेल में डाल दिया.

लोमड़ी बहुत दुखी हुई. उसने सोचा कि वह बहुत मूर्ख है. उसने हिरण को धोखा देकर खाया है, लेकिन उसे पकड़ा गया है.

लोमड़ी को जेल में बहुत दिन बिताने पड़े. एक दिन, शिकारी ने लोमड़ी को छोड़ दिया. शिकारी ने लोमड़ी को कहा, “तुम बहुत ही चालाक और धोखेबाज हो. लेकिन तुम बहुत ही मूर्ख भी हो. तुमने हिरण को धोखा देकर खाया है, लेकिन तुम्हें पकड़ा गया है. अब जाओ और कभी किसी को धोखा मत दो.”

लोमड़ी बहुत दुखी हुई. उसने सोचा कि वह कभी किसी को धोखा नहीं देगी. उसने शिकारी से माफ़ी मांगी और जंगल से चली गई.

कहानी से शिक्षा:-  धोखा देना कभी भी अच्छी बात नहीं होती है. धोखा देना से सिर्फ और सिर्फ दुख और कष्ट होता है.

गधे की सूरत, दिल की मुरत (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक जंगल में एक गधा रहता था. वह बहुत ही सुंदर था, लेकिन उसकी दिल की सूरत बहुत ही खराब थी. वह हमेशा दूसरों को परेशान करता था और उनके साथ बुरा व्यवहार करता था. एक दिन, गधे ने एक सुंदर घोड़े को देखा. घोड़ा भी बहुत ही सुंदर था, लेकिन उसकी दिल की सूरत बहुत ही अच्छी थी. वह हमेशा दूसरों की मदद करता था और उनके साथ अच्छा व्यवहार करता था. गधे को घोड़ा बहुत पसंद आया, लेकिन वह जानता था कि घोड़ा उसे कभी पसंद नहीं करेगा. क्योंकि गधे की दिल की सूरत बहुत ही खराब थी.

गधे ने घोड़े से बात करने का फैसला किया. उसने घोड़े से कहा, “तुम बहुत ही सुंदर हो.” घोड़े ने कहा, “धन्यवाद.” गधे ने कहा, “तुम मेरे साथ दोस्ती करोगी?” घोड़े ने कहा, “मुझे माफ़ करना, लेकिन मैं तुम्हारे साथ दोस्ती नहीं कर सकती.” गधे ने पूछा, “क्यों?” घोड़े ने कहा, “क्योंकि तुम्हारी दिल की सूरत बहुत ही खराब है.” गधा बहुत दुखी हुआ. वह जानता था कि घोड़ा सही कह रही है.

गधे ने सोचा कि वह क्या करे. वह जानता था कि उसे अपनी दिल की सूरत को बदलना होगा. उसने एक साधु से मदद मांगी. साधु ने गधे को कहा, “तुम्हें दूसरों की मदद करनी होगी और उनके साथ अच्छा व्यवहार करना होगा. तब तुम्हारी दिल की सूरत बदल जाएगी.” गधे ने साधु की बात मान ली. उसने दूसरों की मदद करना शुरू कर दिया और उनके साथ अच्छा व्यवहार करना शुरू कर दिया.

कुछ समय बाद, गधे की दिल की सूरत बदल गई. वह अब दूसरों की मदद करता था और उनके साथ अच्छा व्यवहार करता था. गधे को अब घोड़ा भी पसंद था. घोड़े को भी गधा पसंद आया. गधे और घोड़े ने दोस्ती कर ली. वे दोनों बहुत खुश थे.

कहानी से शिक्षा:- इंसान की दिल की सूरत ही सबसे महत्वपूर्ण है. इंसान की सूरत नहीं.

शेर की खाल में चूहा (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक चूहा रहता था. वह बहुत ही छोटा और कमजोर था. अन्य जानवर उसे परेशान करते थे और उसका मज़ाक उड़ाते थे. एक दिन, चूहा एक शेर की खाल देखता है. वह सोचता है कि अगर वह शेर की खाल पहन लेगा, तो अन्य जानवर उसे डरेंगे और उसे परेशान नहीं करेंगे.

चूहा शेर की खाल पहनता है और जंगल में घूमने जाता है. अन्य जानवर उसे देखते हैं और डर जाते हैं. वे चूहे से दूर भाग जाते हैं. चूहा बहुत खुश होता है. वह सोचता है कि अब वह जंगल का राजा है.

चूहा शेर की खाल में जंगल में घूमता रहता है. वह अन्य जानवरों को परेशान करता है और उनका मज़ाक उड़ाता है. एक दिन, चूहा एक शेर को देखता है. शेर बहुत बड़ा और शक्तिशाली होता है. चूहा बहुत डर जाता है, लेकिन वह शेर को नहीं दिखाता है. वह शेर से कहता है, “नमस्ते, राजा. मैं आपका नया सेवक हूँ. मैं आपके लिए कुछ भी करूँगा.”

शेर को चूहे की बात पर हँसी आती है. वह कहता है, “तुम एक छोटे से चूहे को मेरा नया सेवक बनाओगे? यह बहुत ही मजेदार है.”

चूहा शेर को बताता है कि वह शेर की खाल में है. शेर को बहुत गुस्सा आता है. वह चूहे को मारने के लिए दौड़ता है. चूहा बहुत डर जाता है और भाग जाता है. वह कभी भी शेर की खाल नहीं पहनता है.

कहानी से शिक्षा:- दिखावा करने से कुछ नहीं होता है. सच्चा बल और शक्ति मन से आती है.

हाथी और चीटी का मित्र (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक हाथी और एक चीटी रहते थे. हाथी बहुत बड़ा और शक्तिशाली था, जबकि चीटी बहुत छोटी और कमजोर थी. लेकिन दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. वे एक साथ खेलते थे, एक साथ खाते थे और एक साथ सोते थे.

एक दिन, हाथी जंगल में घूम रहा था. तभी उसे एक जाल दिखाई दिया. हाथी जाल में फंस गया. हाथी बहुत परेशान था. वह जाल से बाहर नहीं निकल पा रहा था.

चीटी ने हाथी को जाल में फंसा देखा. चीटी बहुत चिंतित हो गई. उसने सोचा कि वह कैसे हाथी को जाल से बाहर निकाले. चीटी ने एक योजना बनाई. वह हाथी के पास गई और उसके कान में फुसफुसाई, “हाथी, तुम चिंता मत करो. मैं तुम्हें जाल से बाहर निकाल दूंगी.”

चीटी ने हाथी के कान में एक छेद किया. फिर उसने अपने दांतों से छेद को बड़ा किया. चीटी ने हाथी को अपने कान पर चढ़ने के लिए कहा. हाथी ने चीटी की बात मान ली. चीटी ने हाथी को अपने कान पर चढ़ाया और फिर उसने छेद से बाहर निकलकर हाथी को जाल से बाहर निकाल दिया.

हाथी बहुत खुश था. उसने चीटी को धन्यवाद दिया. चीटी ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि मैं तुम्हारी मदद कर सकी.”

हाथी और चीटी के बीच दोस्ती और भी मजबूत हो गई. वे दोनों हमेशा एक दूसरे की मदद करते थे.

कहानी से शिक्षा:-  छोटे से भी बड़ा काम हो सकता है.

दोस्ती की मिसाल (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में दो दोस्त रहते थे. एक का नाम ‘हाथी’ था और दूसरे का नाम ‘उल्लू’ था. हाथी बहुत बड़ा था और उल्लू बहुत छोटा था. लेकिन वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. वे हमेशा एक साथ रहते थे और एक दूसरे की मदद करते थे.

एक दिन, हाथी जंगल में घूम रहा था. तभी उसे एक जंगली सूअर दिखाई दिया. सूअर बहुत बड़ा और शक्तिशाली था. हाथी बहुत डर गया. लेकिन तब उल्लू आया. उल्लू ने हाथी को कहा, “डरो मत, मैं तुम्हारी मदद करूंगा.”

उल्लू ने एक ऊंची पेड़ पर जाकर बैठ गया. उसने सूअर पर जोर से चिल्लाया. सूअर को उल्लू की आवाज सुनकर बहुत गुस्सा आया. वह उल्लू को मारने के लिए हाथी की ओर दौड़ा.

हाथी ने सूअर को रोकने की कोशिश की. लेकिन सूअर बहुत शक्तिशाली था. वह हाथी को धक्का देकर गिरा दिया. सूअर हाथी पर हमला करने वाला था. तभी उल्लू ने सूअर पर हमला किया. उल्लू ने सूअर को चोंच से काटा और पंजों से नोचा. सूअर बहुत दर्द से कराहने लगा. उसने उल्लू को मारने की कोशिश की. लेकिन उल्लू बहुत चतुर था. वह सूअर से बचकर उड़ गया.

सूअर बहुत गुस्सा हुआ. उसने हाथी पर हमला करने की कोशिश की. लेकिन हाथी ने सूअर को रोक दिया. हाथी ने सूअर को इतना मारा कि सूअर भाग गया.

हाथी बहुत खुश हुआ. उसने उल्लू को धन्यवाद दिया. उल्लू ने कहा, “यह मेरा कर्तव्य था.”

हाथी और उल्लू दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. वे हमेशा एक साथ रहे और एक दूसरे की मदद करते रहे.

कहानी से शिक्षा:- दोस्ती सबसे बड़ा बंधन है. दोस्त हमेशा एक दूसरे की मदद करते हैं.

मंगलमय हाथी (Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi)

एक बार की बात है, एक जंगल में एक हाथी रहता था. वह हाथी बहुत ही शक्तिशाली था, लेकिन वह बहुत ही दयालु भी था. वह हमेशा दूसरों की मदद करता था.

एक दिन, हाथी जंगल में घूम रहा था. तभी उसे एक तालाब के पास एक सांप दिखाई दिया. सांप बहुत ही बीमार था. वह मरने वाला था.

हाथी ने सांप को देखा और उसे बहुत दया आई. उसने सांप को अपने सूंड़ में उठाया और उसे एक पेड़ के नीचे ले गया. उसने सांप को पानी पिलाया और उसे कुछ फल दिए.

सांप बहुत खुश हुआ. उसने हाथी को धन्यवाद दिया. सांप ने कहा, “तुमने मेरी जान बचाई है. मैं तुम्हारा बहुत आभारी हूं.”

हाथी ने कहा, “इसमें कोई बात नहीं है. मैं हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार हूं.”

सांप ने हाथी को कहा, “मैं एक जादूगर हूं. मैं तुम्हें एक वरदान दे सकता हूं.”

हाथी ने कहा, “मुझे कोई वरदान नहीं चाहिए. मैं बस दूसरों की मदद करना चाहता हूं.”

सांप ने कहा, “लेकिन तुम एक बहुत ही दयालु और शक्तिशाली हाथी हो. तुम दूसरों की मदद करने में सक्षम हो. तुम लोगों को खुशी और शांति दे सकते हो. तुम लोगों के लिए एक आशा हो सकते हो.”

हाथी ने कहा, “धन्यवाद. मैं तुम्हारा वरदान स्वीकार करता हूं.”

हाथी ने सांप को धन्यवाद दिया और चला गया. हाथी ने सांप के वरदान का पालन किया. वह हमेशा दूसरों की मदद करता था. वह लोगों को खुशी और शांति देता था. वह लोगों के लिए एक आशा बन गया.

कहानी से शिक्षा:-  कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दयालुता और शक्ति एक साथ हो सकती है. हम दयालुता के साथ दूसरों की मदद कर सकते हैं और लोगों को खुशी और शांति दे सकते हैं.

निष्कर्ष (Conclusion)

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